संदेश सचिव की कलम से,
सबसे पहले मैं अपने पूज्य माता-पिता को नमन करते हुए अवगत कराना चाहूँगा कि यह मार्ग निर्देशिका आज के आधुनिक युग में छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए वरदान साबित होगी। भारत गाँवो का देश है। यहां के ग्रामीण स्तर को समृद्ध, खुशहाल व विकसित करने में शिक्षा का सर्वाधिक महत्व है। भोजपुर का कोईलवर प्रखड सोन नदी के कारण विश्व विख्यात तो है परन्तु शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा ही है। अपने माता-पिता के अरमानों को पूरा करने के लिए मैंने 2015 में श्रद्धेय श्री रामजी तिवारी जी के सहयोग से घरीक्षण सिंह टीचर्स ट्रेनिग कॉलेज की स्थापना कुल्हाडिया में किया। सरकार के नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों के सहयोग से इस बी०एड० कॉलेज में डी०एल०एड्० की भी पढ़ाई प्रारम्भ हुई। प्रति संकाय में 150 छात्रों के नामांकन की अनुमति प्राप्त है।
मेरे मन में एक विचार आया कि इस क्षेत्र में क्यों नहीं एक डिग्री कॉलेज खोला जाए। यहाँ के छात्रों को डिग्री स्तर की पढ़ाई के लिए कॉलेज से 15 कि0मी0 की दूरी पर आरा, 14 कि०मी० की दूरी पर बिहटा एवं सहार तक कोई डिग्री कॉलेज नहीं है। छात्रों के उज्ज्वल भविष्य एवं क्षेत्र के विकास के लिए मैंने डिग्री कॉलेज की स्थापना “धरीक्षण शांति मीरा सिद्धनाथ डिग्री महाविद्यालय” के नाम से कुल्हाडिया में किया। इस कॉलेज में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य स्तर की पढ़ाई प्रारम्भ है, जिसका मार्ग निर्देशिका में वर्णन है।
महाविद्यालय में समस्त सुविधाएं है, तभी तो कोविड-19 यानी कोरोना के प्रकोप में भी बी०एड० कॉलेज की शैक्षणिक व्यवस्था शिक्षकों के सहयोग से ऑन लाईन जारी रखा गया ताकि छात्रों को कोई कठिनाई न हो। हमारे कॉलेज की वेबसाईट, सुसज्जित पुस्तकालय, कम्प्यूटर शिक्षा, शुद्ध पेय जल के अलावा सभी प्रकार की सुविधाएँ छात्रों के लिए समर्पित है।
साथ ही साथ इस क्षेत्र के लिए S. M. College of Higher Education नामक संस्था भी प्रस्तावित है जिसमें बी.फार्मा एवं डी.फार्मा की पढ़ाई होगी ।
शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं। शिक्षकों के सहयोग से महाविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुशासन के साथ नई शिक्षा पद्धति को भी संचालित करेंगे। ताकि इस क्षेत्र का विकास हो सके।
(सिद्धनाथ सिंह)
सचिव