प्रबंधक की कलम से

हमारे देश में शाहाबाद जिले का गौरवमय इतिहास रहा है। यहीं की मिट्टी की खासियत है कि यहाँ के लोग ईमानदारी और निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे हैं। ब्रिटिश काल में यहाँ के गरीब लोगों को अग्रेजों ने गिरमिटिया मजदूर का नाम देकर इनका भरपुर शोषण किया। दूसरे देशों में जाकर लोग अपनी जिले की सभ्यता एवं संस्कृति को संस्कार मानते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए देश का शासक तक बने। मॉरिशस इसका गवाह है। 1857 में बाबू वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध जो विगुल फुका था.  वह इस मिट्टी की पहचान है।

शाहाबाद जिले का मुख्यालय आरा था। परन्तु आज शाहाबाद जिले में चार जिले बनाए गए। भोजपुर जिला अग्रणी जिला रहा, परन्तु शिक्षा के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास नहीं हो पाया। गंगा एवं सोन नदी के तट पर यह जिला मुख्यालय के ब्रिटिश  जमाने की स्थिति आजतक बनी रही। जिले का कोईलवर प्रखंड शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा रहा। इसी सोच को लेकर धरीक्षण सोशल एण्ड एजुकेशनल बेलफेयर सोसाइटी के सचिव श्री सिद्धनाथ सिंह जी ने बी०एड्० कॉलेज की स्थापना 2015 में किया। अपने प्रयासों के बल पर बी०एड्० के साथ- साथ डी०एल०एड्० कोर्स की मान्यता भी एन०सी०टी०ई०, भुवनेश्वर से प्राप्त किया। यही नहीं अपने कॉलेज के इन्फ्रास्टक्चर के बल पर 150-150 सीटों की स्वीकृति भी नामांकन हेतु हासिल किया। फिर भी सचिव महोदय ने अपने माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कारों के बल पर क्षेत्र को शैक्षणिक सुविधा प्रदान करने के लिए डिग्री महाविद्यालय की स्थापना 2019 में किया। कारण इस क्षेत्र के 15 कि०मी० के अगल-बगल में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। यहाँ के छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु प्रखंड से बाहर जाना पड़ता था।

एन०एचo30 पर आरा-पटना रोड के सकरडीह के पास अवस्थित उच्च विद्यालय, कुल्हड़िया के सामने धरीक्षण मीरा शांति सिद्धनाथ डिग्री महाविद्यालय का स्थापना किया गया। यह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा एवं राज्य सरकार से स्थाई संबंधन प्राप्त है। इस कॉलेज में बी०ए०, बी०एस०सी०, एवं बीoकॉम की पढ़ाई प्रारंभ है। विश्वविद्यालय को राज्य सरकार से स्थायी मान्यता प्राप्त है। इस कॉलेज में आधुनिक पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय, छात्रों के पढ़ने के लिए वाचनालय, उपकरणों से लैस प्रयोगशाला, शुद्ध पेय जल, वाई-फाई सुविधा के अलावा छात्र हित से संबंधित सारी व्यवस्थाएँ मौजूद है। बी०ए० में 20 विषयों में प्रतिष्ठा स्तर तक की पढ़ाई योग्य एवं कुशल प्राध्यापकों के नेतृत्ल में संचालित होगी।

अनुशासन कॉलेज की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कड़ी है। अपेक्षा की जाती है कि छात्र अनुशासन में रहकर शिक्षा ग्रहण करेंगे। अनुशासित युवा पीढ़ी के विकास से ही किसी समाज और राष्ट्र का विकास संभव है। युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह महाविद्यालय “जीवन के लिए शिक्षा” और “जीवन को द्वारा शिक्षा” अपना पवित्र आदर्श मानता है। महाविद्यालय के शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति कृत संकल्पित रहेंगे, क्योकि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता है।

हमारा यह अहर्निश प्रयास रहेगा कि इस सोसाइटी द्वारा संचालित सभी महाविद्यालयों का उतरोतर गरिमामय विकास हो। इसमें महाविद्यालय परिवार के हर सदस्य का सहयोग अपेक्षित है। तभी यह संभव होगा। यहाँ के सभी सदस्य कर्तव्यनिष्ठ है और वे पूरी तन्मयता से अपना कार्य निर्वहन करते हैं।

अन्त में. मैं अभिभावकों, छात्रों एवं महाविद्यालय के शुभचिंतकों से अपील करता हूँ कि अगर कोई त्रुटियां नजर आए तो नजरअंदाज न करेंगे मुझे अवगत कराएंगे ताकि उन त्रुटियों का सुधार महाविद्यालय हित के लिए कर सकूँ। प्रबंधन सदैव आपके सहयोग का आभारी रहेगा।

 

 डॉ. लाल बहादुर सिंह 
(प्रबंधक)